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Showing posts from October, 2016

BACPAN AUR WO YAADEN

ल ताओं पे झूले थे और फूलों से हँसना सीखे थे ! दौड़े थे हरे मैदानों में ,बहरों के साये में खेले थे ! बड़ी खुशनुमा जिंदगी थी मेरी, कभी गम भी नही झेले थे ! नदियों ,पहाड़ों से बाते किया करते थे, ना थी कोई चिंता मस्ती मी जिया करते थे ! ये यांदें है उन दिनों की , जब बचपन में हम गाँव में रहा करते थे !                                       -   नरेन्द्र सिंह लोधी  google.com

Tiranga *तिरंगा

तीन रंगों से बना तिरंगा।  केसरिया , स्वेत , हरा और नील चक्र से रंगा तिरंगा।   केसरिया है शक्ति प्रतीक , श्वेत जहाँ शांति का, और हरा रहा सम्रद्धि का।   श्वेत पट पे चक्र अशोक का बना शान जो श्रष्टि का।  शीश नवाओ इस ध्वज को प्यारो,  जो खड़ा रहा बलिदानों पर।  करो नमन उन वीरो को सब, टिका रहा ये झंडा अपना मरते दम तक जिनके कांधो पर।                                          -नरेन्द्र लोधी  google.com  or tiranga  

हे मालिक दे ऐसी शक्ति...

हे मालिक दे ऐसी शक्ति जिससे में सत्कार्य करू ! जब तक रहे प्राण देह में ओरों का उपकार करू ! बना शांत मुझे शांति-दूत तू , ना जीवन में अहिंकार करू ! पशु पक्षी और मानव से, सहिर्दय से में प्यार करू ! पढ़ा पाठ मुझे नीति का , हर जीव-जंतु से न्याय करू ! मानवता दे मुझको ऐसी , सबसे सरल सत्य व्यव्हार करू ! हे मालिक दे ऐसी शक्ति जिससे में सत्कार्य करू ! जब तक रहे प्राण देह में ओरो का उपकार करू ! रहे वाक्य सत्य परिपूर्ण , न दुर्बल पे अत्याचार करू ! रहू धर्म के साथ हमेसा, ना निर्दोषों पर बार करू ! बनू प्राण सा प्रिये हर जन का , ना वृद्धजन का अपमान करू ! भले आए दुःख जीवन में , सदा होठों पर मुस्कान रखु ! वाहे खून हेतु मातभूमि के , जीवन इसके नाम करू !\ जियूं शान शौकत से जीवन, और वीरो जैसी शान मरू ! हे मालिक दे ऐसी शक्ति जिससे में सत्कार्य करू ! जब तक रहे प्राण देह में ओरो का उपकार करू !                                                                       - नरेन्द्र सिंह लोधी