हे मालिक दे ऐसी शक्ति जिससे में सत्कार्य करू ! जब तक रहे प्राण देह में ओरों का उपकार करू ! बना शांत मुझे शांति-दूत तू , ना जीवन में अहिंकार करू ! पशु पक्षी और मानव से, सहिर्दय से में प्यार करू ! पढ़ा पाठ मुझे नीति का , हर जीव-जंतु से न्याय करू ! मानवता दे मुझको ऐसी , सबसे सरल सत्य व्यव्हार करू ! हे मालिक दे ऐसी शक्ति जिससे में सत्कार्य करू ! जब तक रहे प्राण देह में ओरो का उपकार करू ! रहे वाक्य सत्य परिपूर्ण , न दुर्बल पे अत्याचार करू ! रहू धर्म के साथ हमेसा, ना निर्दोषों पर बार करू ! बनू प्राण सा प्रिये हर जन का , ना वृद्धजन का अपमान करू ! भले आए दुःख जीवन में , सदा होठों पर मुस्कान रखु ! वाहे खून हेतु मातभूमि के , जीवन इसके नाम करू !\ जियूं शान शौकत से जीवन, और वीरो जैसी शान मरू ! हे मालिक दे ऐसी शक्ति जिससे में सत्कार्य करू ! जब तक रहे प्राण देह में ओरो का उपकार करू ! - नरेन्द्र सिंह लोधी