na koi krishna sa sakha hai


 
 ये कलयुगी मित्रता है
न कोई कृष्ण सा सखा है 
न कोई कर्ण सा सखा है ।
 
सभी हैं स्वार्थी 
न सुदामा रहा कोई 
न कृष्ण सा सारथी ।

न वचन का मूल्य है 
न धर्म ही निभा सका है ।

न कोई कृष्ण सा सखा है 
न कोई कर्ण सा सखा है ।
                                        - नरेन्द्र लोधी

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