Mahatma Gandhi...

एक महात्मा चला स्वप्न ले
“आजादी” बिन शस्त्र लिए ।
दुर्गम था पथ ,
पर जुड़ा कारवाँ,
एक सहारे को लाठी,
कंधे पर खादी सा वस्त्र लिए।
एक महात्मा चला स्वप्न ले,
“आजादी” बिन शस्त्र लिए ।
त्याग, तपस्या और अहिंसा, 
दुश्मन नतमस्तक हो मान गया।
हे संत तेरे चरखे की ताकत,
विश्व ये सारा जान गया।  
हुई सफल सब साधना तेरी,
जो मुक्ति के प्रयत्न किए।
एक महात्मा चला स्वप्न ले,
“आजादी” बिन शस्त्र लिए ।
                           -नरेन्द्र लोधी

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