Befikre
एक बार फिर चलो बेफिक्र सी जिंदगी जी लें ।
क्लास में लंच और कैंटीन की चाय पी लें ।
चलो फिर उस बस को पकड़ें ।
दोस्तों के लिए ड्राइवर से झगड़ें ।
फिर पहले वाली फिक्र करें ।
हर बात में उनका जिक्र करें ।
फिर वो रेशु छोटी हो जाये ।
खुशबू पहले सी मोटी हो जाये ।
लम्बे बालों वाला जल होगा।
अभिषेक का कब वो
चाय पिलाने वाला कल होगा ।
ढके हुए चेहरे वाला ,शिव फिर बस में नाचेगा ।
टीटू का वो सीधा-साधा वाला गाना बाजेगा ।
ढीली सी तबियत वाली दीपा आयेगी ।
याचु फिरसे आसिम की जिम जायगी ।
मोनी जल्दी कर सबको चलना है ।
तुझे मिस BMCT भी बनना
है ।
अब ये काला कहाँ छूट गया ।
क्या इसका चस्मा फिरसे टूट गया ।
गोपाल याद है , हर बर्थ डे वहीं
मनाना है ।
ढूंढो अपनी स्कूटी संबोधि भी तो जाना है ।
चलो फिर से 50 फुल्की वाली शर्त लगाते है ।
सलामतपुर के ठेले पे फिर ककड़ी खाते है ।
फिर पुराने camera से फ़ोटो खीचेंगे ।
Sms वाली चैटिंग से दिन बीतेंगे।
कुछ खींचा-तानी कर लेंगे हम।
थोड़ी मस्ती थोड़ा लड़ लेंगे हम ।
फिर कुछ दर्द बांटे कुछ आँसू पीलें ।
एक बार फिर चलो बेफिक्र सी जिंदगी जी लें ।
-नरेन्द्र लोधी
-नरेन्द्र लोधी
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