Ek Tarfa Mohabbat Ki Bat Hai....

न उसकी शिकायत कर रहा हूँ में !
न खुद की बकालत कर रहा हूँ में !
करीब मुझे वो आने नही देंगे ,

पर फिर भी उसकी हिफाजत कर रहा हूँ में !
उसकी हर राह की सजावट कर रहा हूँ !
अपने गम को ढक कर ख़ुशी की दिखावट कर रहा हूँ में !
साथ हूँ में उसके हर पल ,
कभी सोचे न वो की उसकी खिलाफत कर रहा हूँ में !

कैसे मोहब्बत में उसकी जल रहा हूँ में !
धड़कने रुकी हैं पर चल रहा हूँ में !
न छूटे हंसी लवों से न अश्क वहा पाऊँ

  एक एक  पल मर रहा हूँ में !

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