क्या तुम्हें मालूम है हालात मेरे दिल के , तुम्हे पता है तुम्हारे जाने के बाद का आलम । तुमने सायद देखा नही होगा मेरा उदास चेहरा, तुम्हे वादा याद तो होगा, अब भी वो उम्मीद है कायम । कहा था तुमने कुछ नही बदलेगा, कुछ रस्में है बस निभानी है । तुम जैसे हो वैसे रहना अपनी हर एक बात कहते रहना।, कुछ फॉर्मेलिटीज है लाइफ में पूरी करने दे , कोनसी ज़िंदगी ऐंसे बितानी है । क्या तुमने ये सब झूठ कहा , और सच है तो तुम कब लौटोगे । तीन साल दो महीने पांच दिन गुजर गए , अब बोलो न तुम कब लौटोगे । क्या तुमने महसूस किया अपनी बढ़ती दूरी को , फोन उठा कर देखो बात बहुत कम होती है । तुमने सायद ध्यान दिया हो , तुम जब गुड नाईट कहदो अब ऐसी रात बहुत कम होती है । तुमसे जब मिलने की ख्वाहिश की , तुमने बिन सोचे इनकार किया । नया बहाना हर बार रहा , शर्तें सामने रखदी तुमने जब मेने कुछ इजहार किया । तुम इतने गहरे क्यों उत्तर गए उन किरदारों में , तुम तो बस यूं ही अभिनय करना चाहते थे । तुम्हे क्या हुआ ,कुछ भूल गए , तुम साथ मेरे जीना मरना चाहते थे । पूछो खुदसे से एक बार जरा , क्या अब भी याद तुम्हे में